12.August 2021
मेरे जीवन का सबसे शानदार #GooglyMoment यही रहेगा कि इस लोकडाउन के खाली ,,बोरींग समय,, तनाव से भरे समय में... मैंने हिंदी भाषा को और नज़दीक से जाना... नही तो मैं तो थी कम पढ़ी लिखी एक गुजराती साधारण सी गृहिणी जो रसोईघर में पहले सिर्फ रोटियाँ पकाती थी लेकिन समय की भयावह करवट में जहां एक तरफ सब तनाव में रहे, पर मेरे लिए यह समय सुनहरा रहा मै रोटी के साथ कविताएं पकाना सिख गई कभी सोचा नहीं था की मैं भी कुछ ऐसा लिख सकती हुं पढिऐ जरा आप भी मेरे जीवन का पहला #GooglyMoment यह कविता मैंने तकरीबन देढ साल पहले लिखी थी ................... जानते हो ! जब मैं चूल्हे पर सेकती हूँ रोटी साथ ही सेक लेती हूँ कुछ शब्द सब्जी में मिला देती हूँ कुछ पंक्तियां गुड़ के जैसी, जब भोजन परोसती हूँ ! यूँ लगता हैं ! कविताएं परोस दी हैं ! कुछ खट्टी,कुछ मीठी,थोड़ी तीखी सी थोड़ी कोमल भावना से भरी जैसे नरम गरम रोटीयाँ ! .............. कैसा लगा? खैर जैसा भी लगा मेरे लिए बहुत बढिया था और यह सिलसिला अब भी चल रहा है अब तो जब तक कुछ लिखें ना यूं लगता है जैसे सूर्योदय ही नहीं हुआ 😂 चलते चलते एक और पढते जाईऐ हमारी गुगली ............................... कौन कमबख़्त जीतने के लिए लिखता है हम तो लिखते है क्योंकि खुद को अभिव्यक्त कर सकें हम तो लिखते है इसीलिए की साबित कर सकें कि, एक आंठवी कक्षा फेल गृहिणी जिसने पिछले बीस साल से कागज़ कलम को छुआ भी नहीं वह भी शब्दों से खेल सकती है हम तो लिखते है कि अपनी पंक्तियों से श्रृगांर करें मन की देह का..... जिसे देख चकित रह जाओ तुम और ठिठक खड़े सोचते रहो कि, क्या सच में प्रेम! इस तरह से भी बदलाव ला सकता है जीवन में..!!! #GooglyMoment #बस_यूंही 🙊🙊 #फिजूल_की_बकवास 😂😂😂😜